सही दिशा में हो पुरूषार्थ, दृष्टि साफ होने पर सोच बदल जाएगी-आचार्य सुंदरसागर महाराज*

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 02-SEP-2024 || भीलवाड़ा || भगवान हमारे कर्ता नहीं है बल्कि हमारे कर्म ही हमारे कर्ता है। भगवान सारी बाते देखते रहते है ओर किसी से राग द्धेष नहीं रखते है। जो हम कर चुके ओर कर रहे है भगवान वही देखते है। वस्तु में परिणमन को देखते है। तीसरे नेत्र से ऐसा दिव्य ज्ञान हमे मिला है जो र्स्वस्व त्याग साधना करने वालों को ही मिलता है। अपने कर्मो से हमे कोई नहीं बचा सकता इसलिए कभी धर्म के विपरीत कार्य नहीं करने चाहिए। ये विचार शहर के शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के तत्वावधान में चातुर्मासिक (वर्षायोग) वर्षायोग प्रवचन के तहत सोमवार को राष्ट्रीय संत दिगम्बर जैन आचार्य पूज्य सुंदरसागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमे सही दिशा में पुरूषार्थ करना होगा। सोच खराब होने पर डॉक्टर चाहिए लेकिन दृष्टि साफ होने पर सोच बदल जाएगी। वस्तु का स्वरूप दिख जाएगा ओर गुणस्थान चौथा हो जाएगा। धर्म के मार्ग पर आकर जो सूत्र है उसकी पालना करनी चाहिए। आचार्यश्री ने कहा कि सुनना सबकी चाहिए लेकिन करना वहीं चाहिए जो आगम में कहा गया है। अविरत सम्यक दृष्टि एक समय के लिए होने पर भी मोक्ष जाना निश्चित है। समय की परवाह किए बिना अपने भीतर झांके ओर नीेचे से उपर की तरफ चलते हुए अपनी आत्मा का कल्याण करे। आत्मकल्याण तभी हो पाएगा जब हम अपने भीतर की सफाई कर लेंगे। इससे पूर्व प्रवचन में मुनिश्री शुभमकीर्ति महाराज ने कहा कि हिंसा, असत्य,चोरी, परिग्रह आदि से निवृत होना व्रत है। पांचों पापो से निवृत होना हमारे जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। जिनवाणी,साधु संतों के सानिध्य में पुण्य का आश्रव होता है। उन्होंने कहा कि हम कामना कषायों के खत्म होने की करते है लेकिन कर्म ऐसे करते है जो कषाय बढ़ाते है। पर्युषण दशलक्षण पर्व आने वाले है, यह पर्व धर्म से जुड़ने का अवसर देते है। व्रत लेकर जीवन को सुरक्षित बनाने के साथ मोक्ष मार्ग पर अग्रसर हो सकते है। श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि सभा के शुरू में चातुर्मास कमेटी की मेडिकल टीम द्वारा मंगलाचरण,दीप प्रज्वलन,पूज्य आचार्य गुरूवर का पाद प्रक्षालन कर उन्हें शास्त्र भेंट व अर्ध समपर्ण किया गया। संचालन पदमचंद काला ने किया। मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी ने बताया कि वर्षायोग के नियमित कार्यक्रम श्रृंखला के तहत प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे भगवान का अभिषेक शांतिधारा, सुबह 8.15 बजे दैनिक प्रवचन, सुबह 10 बजे आहार चर्या, दोपहर 3 बजे शास्त्र स्वाध्याय चर्चा, शाम 6.30 बजे शंका समाधान सत्र के बाद गुरू भक्ति एवं आरती का आयोजन हो रहा है ।।।।।

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