जो माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करता है उसका संसार में सभी जगह सम्मान होता है-- रामकिशोर महाराज

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 18-JULY-2024 || अजमेर || रामस्नेही संप्रदाय मेड़ता देवल के पीठाधिश्वर 108 श्री रामकिशोर जी महाराज के 54वें चातुर्मास के अवसर पर नला बाजार स्थित रामद्वारा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए रामकिशोर जी महाराज ने कहां की इस संसार में माता-पिता और बड़े बुजुर्ग बड़े सम्माननीय हैं इनका सम्मान करने से आशीर्वाद प्राप्त मिलता है और इनके द्वारा दिया गया आशीर्वाद आयु विद्या यश और कीर्ति आदि मिलती है इस धरती पर वह प्राणी सुखी रहता है और मृत्यु के बाद भी स्वर्ग में सुखी रहता है । सद्गुरु संत बड़े बुजुर्ग और भगवान आदि को प्रणाम करने से दोनों लोको का सुख मिलता है । उसे समाज में और सम्मान मिलता है। यश मिलता है देवता भी उसका वंदन करते हैं उसका सत्कार होता है और सम्मान होता है इस संसार में माता-पिता और गुरु के चरणों में झुक कर जो भी व्यक्ति रहता है उसे कई प्रकार के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। सांसारिक भौतिक मानसिक आध्यात्मिक आदि का ज्ञान प्राप्त होता है। महाराज ने कहा कि आजकल इस कलयुग में लोगों ने अपने माता-पिता का सम्मान करना बंद कर दिया है। छोटे-छोटे बच्चे अपने माता-पिता को धमकाते नजर आते हैं। बड़े-बड़े पढ़े लिखे अच्छे और ऊंचे पद पर आसीन लोगों के माता-पिता भी आज वृद्ध आश्रम में रहते हैं जो व्यक्ति सद्गुरु संत की शरण में आता है तो उसे सद्गुरु सद्गुरु समाज में रहने की व्यवस्था के बारे में बता बताते हैं कि इस समाज में बड़े बुजुर्ग बड़े बुजुर्ग और ज्ञानी पुरुष सम्माननीय है उनके पास रहने से आपको बहुत सी जानकारियां प्राप्त होगी समाज की व्यवस्थाओं के बारे में उसे जानकारी होगी आप किस प्रकार इस संसार में रहते हुए ग्रस्त जीवन का पालन करते हुए अपने सभी दायित्वों को निभाते हो अगर आप अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करोगे तो आपके पुत्र पुत्री भी आपका सम्मान नहीं करेंगे इसके कई उदाहरण महाराज ने कथा के माध्यम से बताएं। संसार में जब तक आप जीवित हो अपने माता-पिता की सेवा करो परंतु आजकल पीढ़ी अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करती है इसलिए संतों की शरण में जाने से बुजुर्गों के पास रहने से आदमी को संस्कार मिलते हैं जिससे वह यश कीर्ति बल और समाज में सम्मान को प्राप्त कर सुखी जीवन व्यतीत करता है इस दौरान महाराज ने एक मार्मिक भजन माता-पिता गुरु चरणों में झुक कर बारंबार .....भजन की प्रस्तुति देखकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया । इस दौरान ध्यानीराम जी महाराज ने और संत उत्तमराम महाराज ने कई भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर नृत्य करने पर मजबूर कर दिया। आज की कथा के मुख्य यजमान शांति गहलोत श्रीमद् भागवत ग्रंथ की पूजा अर्चना कर महाराज श्री का सम्मान किया। आरती के पश्चात श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।।।।।

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