युवाओं की प्रेरणा और बौद्धो के आदर्श आनागारिक धर्मपाल जी

||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 18-SEP-2023 || अजमेर || भारत में बुद्ध धम्म के पुनरुत्थान पुज्य अनागारिक धम्मपाल जी की 160वीं जयंती बुद्ध ज्योति विहार अजमेर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का आरंभ त्रिरत्न वंदना से हुआ। मुख्य वक्ता वरिष्ठ समाजसेवी नारायणसिंह जी राठौड़ ने अनागारिक धम्मपाल जी द्वारा श्रीलंका से भारत आकर बौद्ध धम्म स्थलों को बचाने के लिए किए गये अतुलनिय त्याग एवं योगदान की विस्तार से चर्चा की। राठौड ने कहा कि अनागरिक धम्मपाल जी ने भारतीय महाबोधि सोसाइटी की स्थापना करके महाबोधि महाविहार मुक्ति बिहार आंदोलन की शुरुआत की गई। संसार के बौद्धो को आव्हान करके धम्मपाल जी बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, सांची आदि बौद्ध स्थलों पर हो रहे अवैध कब्जे हटा करके बौद्ध पूजा अर्चना आरंभ कराई। अनागारिक धम्मपाल जी भारत के सभी बौद्ध स्थलों का पुनरूद्धार करवाया तथा धर्मशालाएं स्थापित करवाई। उन्हीं की बदौलत आज सभी बौद्ध स्थल सुरक्षित एवं सरंक्षित है। धम्मपाल जी अंतिम दिनों में भिक्षु पृवज्जा लेकर कहा मुझे निर्वाण नहीं चाहिए मैं अपनी आगामी 25 जन्म लेकर भारत में बुद्ध धम्म का प्रचार-प्रसार करूं यही मेरी अंतिम इच्छा है। 27 वर्ष की आयु में श्रीलंका छोड़ कर विश्वव्यापि व्यक्तित्व का निर्माण भारत आकर किया। युवाओं की प्रेरणा और बौद्धों के आदर्श के रूप में धम्मपाल जी कोई याद किया। कार्यक्रम में धम्मरतन आनंद, डॉक्टर लेखराज बौद्ध, ओमप्रकाश वर्मा, मदन सिंह बौद्ध, दीनदयाल बौद्ध, सिद्धार्थ बौद्ध, लीना बौद्ध, धीरेंद्र खटुमरा, राकेश कालोत, प्रेमसिंह बौद्ध, टीकम बौद्ध, नितिन लोहिया, उमेश पालीवाल, कपिल पालीवाल आदि की उपस्थिति प्रमुख रूप से रही। मंगल मैत्री के बाद कार्यक्रम का समापन किया।

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