अजमेर साहित्य मंच के तत्वाधान में एक ऑन लाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया
||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 17-APR-2021
|| अजमेर || अजमेर साहित्य मंच के तत्वाधान में एक ऑन लाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे अजमेर के विभिन्न साहित्यकारों ने अपनी एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की । कार्यक्रम की अध्यक्षता कासगंज उत्तर प्रदेश के जाने माने साहित्यकार, कवि एवं समीक्षक राम प्रकाश पथिक ने की एवं कार्यक्रम का संचालन अजमेर साहित्य मंच के संयोजक एवं व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का आगाज़ वरिष्ठ पौराणिक साहित्यकार देव दत्त शर्मा ने अपनी रचना खड्ग हस्त चूड़ियों की झंकार अभी बाकी है संहार अभी बाकी है से किया। उसके पश्चात सुधा मित्तल द्वारा उसी में छिपा मधुमास है, डा विनीता अशित जैन द्वारा वक्त रोके ना रुका है वक्त अब है अब नहीं ,काजल खत्री द्वारा मां को देखा था यात्रा के मध्य नदी में सिक्का डालते, नलिनी उपाध्याय द्वारा थकी हारी सांझ होले से उतरना चाहती है, व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता द्वारा जरूरत है कुछ नेताओं की इस देश के लिए आकाओं की , डा नीलिमा तिग्गा द्वारा पनघट पर गोरी श्वेत वसन लहराते कुंतल चूमे पवन, कवयित्री सुमन शर्मा द्वारा ख्वाहिशें हैं तो संभालो इनको , डा महिमा श्रीवास्तव द्वारा ख्वाहिशों के तकिए पर सर रखकर आज रात फिर एक ख्वाब नया बुनते हैं, युवा कवयित्री अमन अदम्य द्वारा हिस्सों में उन्हें देखना चाहता हूं , नसीराबाद के गज़लकार सहर नसीराबादी द्वारा किसी का यार तो किसी का हमसफ़र चला गया, डा छाया शर्मा द्वारा जल जीवन है अमरत्व भरा व्यर्थ ना इसको बहने दो, पूर्णिमा शर्मा द्वारा खिले फाल्गुन संग जीवन के रंग, डा चेतना उपाध्याय द्वारा मैं समर्थ कविता सी होना चाहती हूं, विनीता बाड़मेरा द्वारा स्वार्थी प्रेम भी कभी प्रेम हुआ है , गंगाधर शर्मा द्वारा अंबर से अवनि तक लेकर जल के धारे आए, युवा कवि कुणाल मेघवंशी द्वारा आखिर क्यों तूने इंसानों को बनाया है एवम जगदीप कौर द्वारा नित नया निर्माण कर तू एकनाथ जयघोष कर आदि रचनाएं प्रस्तुत की। अंत में अध्यक्ष राम प्रकाश पथिक द्वारा सभी कविताओं पर अपनी विशिष्ठ समीक्षा प्रस्तुत की गई।
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