मनरेगा को कृषि कार्यो से जोड़कर किया जाए किसानों को लाभान्वित - सांसद भागीरथ चौधरी बजट सत्र में तारांकित प्रश्न के उत्तर में पूरक प्रश्न के माध्यम से सांसद चौधरी ने रखी मांग
||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 09-MAR-2021
|| अजमेर || रिपोर्ट हीरालाल नील------------------------------------ *प्रदेश में मनरेगा के तहत गत 3 वर्षो मंे लगभग 22 लाख कार्यो हेतु स्वीकृत हुई लगभग 7.6 खरब राशि*
अजमेर सांसद श्री भागीरथ चौधरी ने लोकसभा बजट सत्र के दौरान तारांकित प्रश्न संख्या 206 के माध्यम से देश के ग्रामीण विकास की प्रमुख मनरेगा योजना के तहत देश के सभी राज्यों में गत तीन वर्षो में हुए कच्चे एवं पक्के विकास कार्यो एवं लागत राशि की जानकारी मांगते हुए किसानों को राहत प्रदान करने की दृष्टि से खेतों में मेड बन्दी , बाड लगाने एवं गढ्ढों का निर्माण से सम्बन्धित राजस्थान प्रदेश के लाभार्थियों की जिलेवार सूचना मांगी और योजना में हो रही मशीनों के उपयोग का ब्यौरा भी मांगा। *जिस पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रश्न के जवाब में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के तहत स्वीकृत 262 कार्यो में से 182 प्रकार के कार्य प्राकृतिक संशाधन प्रबन्धन तथा 85 जल से सम्बन्धित कार्य की जानकारी दी* जिसमंे से 164 कार्य कृषि और इससे सम्बन्धित कार्यकलापों को 17 श्रेणी में विभक्त किया गया है जो कि ग्रामीण अवसंरचना, भारत निर्माण सेवा केन्द्र, तटीय क्षेत्र, सूखा रोधन, मत्स्य पालन, बाढ नियंत्रण और सुरक्षा, खाद्यान, भूमि विकास, सूक्ष्म सिंचाई कार्य, अन्य कार्य, खेल मैदान, पारम्परिक जला निकायों का नवीनीकरण, ग्रामीण संपर्कता, ग्रामीण पेयजल, ग्रामीण स्वच्छता, जल संरक्षण एवं जल संचयन तथा व्यक्तिगत भूमि पर कार्य श्रेणी 4 के तहत सम्मिलित होना बताया है।प्रदेश में मनरेगा के तहत गत तीन वर्षो में व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिए 6888 कार्यो हेतु लगभग 66 करोड रूपये की राशि से समोच्च बांध और समोच्च खाईयों का निर्माण किया गया है। साथ ही जहां तक संभव हो उक्त योजना के तहत कार्यकारी एजेंसियों के द्वारा शारीरिक श्रम का उपयोग ही किया जाना बताया, श्रमिकों के स्थान पर किसी भी प्रकार की मशीन का उपयोग नहीं किया जाएगा। तथापि कुछ कार्यकलाप ऐसे है जिसमें शारीरिक श्रम की सहायता से नहीं किया जा सकता है उन कार्यो की गुणवत्ता और स्थायीत्वता को बनाए रखने के लिए मशीनों का प्रयोग आवश्यक हो जाता है तो विभागीय स्तर पर मनरेगा की अनुसूचि 1 के पैरा 4 में अंकित 6 प्रकार के कार्य हेतु स्वीकृत मशीनों का उपयोग स्वीकार्य है।
सांसद श्री चौधरी ने केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर को उक्त तारांकित प्रश्न के प्रत्युतर में पूरक प्रश्न पूँछते हुए मौखिक रूप से बोलते हुए कहा कि क्या सरकार मनरेगा के तहत व्यक्तिगत कार्यो की श्रेणी में कृषि कार्यो को जोडकर किसानों को सहज श्रमिकों की उपलब्धता करा कर राहत प्रदान करने की मंशा रखती है, ताकि मजदूरों को मजदूरी मिल जाए एवं किसानों की खेती बच जाए। इसमें योजना बनाकर सरकार आधा पैसा मनरेगा में तो आधा पैसा लाभान्वित होने वाले किसान से दिलाकर योजना को क्रियान्वित करवा सकती है। इसके साथ ही श्री चौधरी ने श्रेणी बी के तहत व्यक्तिगत लाभ के कार्यो की श्रेणी में एससी, एसटी, बीपीएल, विधवा, विकलांग के अलावा अन्य वर्गो जैसे लघु कृषक एवं सीमान्त कृषकों को सम्मिलित करने एवं होल्टीकल्चर कार्यो को भी सम्मिलित कराने की मांग केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर से की। जिस पर श्री तोमर ने सकारात्मक सहयोग का आश्वासन देते हुए उचित विभागीय कार्यवाही कराने की बात कही।
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