शायर व ग़ज़ल कार शकूर अनवर द्वारा कोरोना को लेकर पेश की गई ग़ज़ल और शायरी
||PAYAM E RAJASTHAN NEWS|| 28-APR-2020
|| कोटा || शायर व ग़ज़ल कार शकूर अनवर द्वारा कोरोना को लेकर पेश की गई ग़ज़ल और शायरी
"घर से बाहर भी कोरोना से कहीं चैन नहीं
इस तरह घर में रहेंगे भी तो मर जाएंगे"
*ग़ज़ल*
चली है यह कैसी हवा आजकल कोरोना की फैली वबा आजकल,
कहां कौन कितने मरे इन दिनों यही गर्म है मुद्दा आजकल,
मरीजों का इतना इजाफा हुआ कि उऩका हुई शिफा आजकल,
ना ताविज-गंडे ना पूजा हवन
कि चलता नहीं टोटका आजकल,
हर इक दिल में दहशत का माहौल है, हर एक शख्स तन्हा हुआ आजकल,
सभी प्रार्थनाएं अकारत गई
कहां खो गए देवता आजकल,
तवाफे हरम भी मुअतल हुआ
परिंदों से खुश है खुदा आजकल,
कोरोना के जूते तो मिल जाएंगे नहीं मिलती इसकी दवा आजकल,
हम अपने ही घर में मुकय्यद हुए मिली है यह "अनवर" सजा आजकल
शकूर अनवर
कोटा राजस्थान
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